सी.बी.एस.ई. अर्थात सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन द्वारा सी.टी.ई.टी. (केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा) 2018 के लिए आवेदन की प्रक्रिया शुरू होने वाली है। जो अभ्यर्थी प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों के शिक्षक के रूप में अपना भविष्य बनाना चाहते हैं वे सी.टी.ई.टी. 2018 के लिए आवेदन कर सकते हैं। आवेदन पत्र सी.बी.एस.ई. की आधिकारिक वेबसाइट www.ctet.nic.in पर उपलब्ध होगा, जो ऑनलाइन भरा जाएगा।
इस परीक्षा के संबंध में अधिसूचना जल्द ही प्रकाशित की जाएगी।
सी.टी.ई.टी. की परीक्षा में हर साल 10 लाख से अधिक अभ्यर्थी भाग लेते हैं। इस परीक्षा में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को सी.टी.ई.टी. द्वारा अंक पत्र एवं प्रमाण पत्र प्रदान किया जाता है। ये प्रमाण पत्र केंद्र सरकार की नियुक्तियों सहित राज्यों की शिक्षक भर्ती परीक्षा के लिए मान्य होता है। सी.टी.ई.टी. की परीक्षा के लिए अभ्यर्थी अपना पंजीकरण 2 जून से 23 जून 2018 तक कर सकते हैं। प्रवेश पत्र 10 जुलाई 2018 को जारी होने की उम्मीद है। परीक्षा 23 जुलाई 2018 को आयोजित होने की उम्मीद है। अभ्यर्थी सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन की आधिकारिक पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। CTET in English
सी.बी.एस.ई. सी.टी.ई.टी. प्राथमिक शिक्षक परीक्षा 2018 का पाठ्यक्रम
जो अभ्यर्थी प्राथमिक शिक्षक बनने के लिए सी.बी.एस.ई. सी.टी.ई.टी. की परीक्षा में शामिल हो रहे हैं उनकी अधिक जानकारी के लिए विषयवार ली जाने वाली परीक्षा का पूर्ण विवरण नीचे दिया जा रहा है-
पेपर 1 (कक्षा 1 से कक्षा 5 तक) के तहत विषयवार पूछे जाने वाले प्रश्न
विषय |
प्रश्नों की संख्या |
अंक |
बाल विकास और अध्यापन |
30 प्रश्न |
30 |
भाषा 1 (अनिवार्य) 30 |
30 प्रश्न |
30 |
भाषा 2 (अनिवार्य) 30 |
30 प्रश्न |
30 |
गणित 30 |
30 प्रश्न |
30 |
पर्यावरण अध्ययन 30 |
30 प्रश्न |
30 |
कुल |
150 प्रश्न |
150 |
परीक्षा की अवधि |
2.5 घंटे |
-- |
1.बाल विकास और अध्यापन (30 प्रश्न)
(क)बाल विकास प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक के लिए
- विकास की अवधारणा तथा अधिगम के साथ उसका सम्बन्ध।
- बालक विकास के सिद्धांत।
- आनुवांशिकता और पर्यावरण का बालक पर प्रभाव।
- सामाजीकरण की प्रक्रिया- विश्व समाज और बालक (शिक्षक, अभिभावक एवं समाज के अन्य सदस्यगण)।
- पियाजे, कोहल्बर्ग और वायगोइस्की के सिद्धांत।
- बाल-केन्द्रित और परगामी शिक्षा की अवधारना।
- बौद्धिकता निर्माण संबंधी विवेचित संदर्श।
- भाषा और चिंतन।
- समाज निर्माण के रूप में लिंगः लैंगिक भूमिकाएं, पूर्वाग्रह और शैक्षणिक व्यवहार संबंधी प्रश्न।
- शिक्षार्थियों के बीच व्यक्तिगत विभेद, भाषा, जाति, लिंग, समुदाय और धर्म विषय पर विभेदों का मनन।
- अधिगम के लिए मूल्यांकन और अधिगम का मूल्यांकन के बीच अंतरः विद्यालय आधारित मूल्यांकन
- शिक्षार्थियों की तैयारीः कक्षा में शिक्षण और विवेचित चिंतन तथा शिक्षार्थी की उपलब्धि के लिए उपयुक्त प्रश्न पत्र की तैयारी।
(ख) समावेशी शिक्षा की अवधारणा तथा विशेष आवशकयता वाले बालकों को समझना (5 प्रश्न)
- गैर-लाभप्रद और अवसर से वंचित शिक्षार्थियों सहित विभिन्न प्रष्ठभूमि से आए शिक्षार्थी की आवशकताओं को समझना।
- अधिगम सम्बन्धी समस्याएं, कठिनाई वाले बालकों की आवश्यकताओं को समझना।
- मेधावी, सृजनशील, विशिष्ट प्रतिभावान शिक्षार्थी की आवशयकताओं को समझना।
(ग) सिखाना एवं अध्यापन (10 प्रश्न)
- बालक किस प्रकार सीखते और सोचते है? बालक विद्यालय प्रदर्शन में सफलता प्राप्त करने में कैसे और क्यों असफल होते है?
- अधिगम और अध्यापन की बुनियादी प्रक्रियाएं, बालकों की अधिगम कार्य नीतियां, सामाजिक क्रिया कलाप के रूप में अधिगम, अधिगम में सामाजिक सन्दर्भ।
- एक समस्या समाधानकर्ता और एक वैज्ञानिक अन्वेषक के रूप में बालक।
- बोध एवं संवेदनाएं।
- प्रेरणा एवं अधिगम।
- बालकों में अधिगम की वैकल्पिक संकल्पना, अधिगम प्रक्रिया में महत्वपूर्ण चरणों के रूप में बालक की त्रुटियों को समझना।
2. भाषा 1 (30 प्रश्न)
(क) भाषा बोधगम्यता (15 प्रश्न)
- अनदेखे अनुच्छेदों को पढ़ना- दो अनुच्छेदों, एक गद्य अथवा नाटक और एक कविता, जिसमें बोधगम्यता, निष्कर्ष, व्याकरण और मौखिक योग्यता से सम्बंधित प्रशन पूछे जाते हैं।
- शिक्षण पर आधारित भाषा विकास।
- सीखना और ज्ञान अर्जित करना।
- विवरणात्मक भाषा शिक्षण।
- सुनने और बोलने की भूमिका : भाषा का कार्य तथा बालक इसे किस प्रकार उपयोग में लेते है?
(ग) भाषा विकास का अध्यापन (15 प्रश्न)
- अधिगम और अर्जन।
- भाषा अध्यापन के सिद्धांत.
- सुनने और बोलने की भूमिकाः भाषा का कार्य तथा बालक इसे किस प्रकार एक उपकरण के रूप में प्रयोग करते हैं?
- मौखिक और लिखित रूप में विचारों के संप्रेषण के लिए किसी भाषा के अधिगम में व्याकरण की भूमिका पर निर्णायक संदर्श।
- एक भिन्न कक्षा में भाषा पढ़ाने की चुनौतियां- भाषा की कठिनाइयां, त्रुटियां और विकार।
- भाषा कौशल।
- भाषा बोधगम्यता और प्रवीणता का मूल्यांकन करनाः बोलन, सुनना, पढ़ना और लिखना।
- अध्यापन- अधिगम सामग्रियां- पाठ्यपु स्तक, मल्टी मीडिया सामग्री, कक्षा का बहुभाषायी संसाधन।
- उपचारात्मक अध्यापन
3. भाषा 2 (30 प्रश्न)
(क) बोध्यगम्यता (15 प्रश्न)
- दो अनोखे गद्य अनुच्छेद (तर्क मूलक अथवा साहित्यिक अथवा वर्णनात्मक अथवा वैज्ञानिक) जिनमें बोध्यगम्यता, निष्कर्ष, व्याकरण और मौखिक योग्यता से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं।
(ख) भाषा विकास का अध्यापन (15 प्रश्न)
- अधिगम और अर्जन।
- भाषा अध्यापन के सिद्धांत.
- सुनने और बोलने की भूमिकाः भाषा का कार्य तथा बालक इसे किस प्रकार एक उपकरण के रूप में प्रयोग करते हैं?
- मौखिक और लिखित रूप में विचारों के संप्रेषण के लिए किसी भाषा के अधिगम में व्याकरण की भूमिका पर निर्णायक संदर्श।
- एक भिन्न कक्षा में भाषा पढ़ाने की चुनौतियां- भाषा की कठिनाइयां, त्रुटियां और विकार।
- भाषा कौशल।
- भाषा बोधगम्यता और प्रवीणता का मूल्यांकन करनाः बोलन, सुनना, पढ़ना और लिखना।
- अध्यापन- अधिगम सामग्रियां- पाठ्यपु स्तक, मल्टी मीडिया सामग्री, कक्षा का बहुभाषायी संसाधन।
- उपचारात्मक अध्यापन
4. गणित (30 प्रश्न)
(क) विषय-वस्तु (15 प्रश्न)
ज्यामिति, आकार और स्थानिक समझ, हमारे चारों ओर विद्यमान ठोस पदार्थ, संख्याएं, जोड़ना और घटाना, गुणा करना, विभाजन, मापन, भार, समय, परिमाण, आंकड़ा प्रबंधन, पैटर्न, राशि।
(ख) अध्यापन संबंधी मुद्दे (15 प्रश्न)
- गणितीय/तार्किक चिंतन की प्रकृतिः बालक के चिंतन एवं तर्कशक्ति पैटर्नों तथा अर्थ निकालने और अधिगम की कार्यनीतियों को समझना।
- पाठ्यचर्या में गणित का स्थान।
- गणित की भाषा।
- सामुदायिक गणित।
- औपचारिक एवं अनौपचारिक पद्धतियोंके माध्यम से मूल्यांकन।
- शिक्षण की समस्याएं।
- त्रुटि विश्लेषण तथा अधिगम एवं अध्यापन के प्रांसगिक पहलू।
- नैदानिक एवं उपचारात्मक शिक्षण।
5. पर्यावरणीय अध्ययन (30 प्रश्न)
(क) विषय वस्तु (15 प्रश्न)
परिवार और मित्र, संबंध, कार्य और खेल, पशु, पौधे, भोजन, आश्रय, पानी, भ्रमण, वे चीजें जो हम बनाते और करते हैं।
(ग) अध्यापन संबंधी मुद्दे (15 प्रश्न)
- ई.वी.एस. की अवधारणा और व्याप्ति
- ई.वी.एस. का महत्व, एकीकृत ई.वी.एस.
- पर्यावरणीय अध्ययन एवं पर्यावरणीय शिक्षा
- अधिगम सिद्धांत
- विज्ञा और सामाजिक विज्ञान की व्याप्ति और संबंध
- अवधारणा प्रस्तुत करने के दृष्टिकोण
- क्रियाकलाप
- प्रयोग/व्यवहारिक कार्य
- चर्चा
- सी.सी.ई.
- शिक्षण सामग्री/उपकरण
- समस्याएं
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सी.बी.एस.ई. सी.टी.ई.टी. 2018 परीक्षा पैटर्न
अभ्यर्थियों की अधिक जानकारी के लिए सी.बी.एस.ई. सी.टी.ई.टी. 2018 परीक्षा का पैटर्न नीचे दिया गया है-
- सी.टी.ई.टी. 2018 की परीक्षा दो चरणों में ली जाती है। दोनों चरणों में वस्तुनिष्ठ प्रश्न पूछे जाते हैं। जो अभ्यर्थी प्राथमिक शिक्षक बनना चाहते हैं उन्हें केवल पेपर 1 की परीक्षा देनी है, लेकिन जो अभ्यर्थी कक्षा 1 से कक्षा 5 एवं कक्षा 6 से कक्षा 8 के वर्ग के लिए शिक्षक बनना चाहते हैं उन्हें पेपर 1 एवं पेपर 2 (दोनों) की परीक्षा देनी है।
- पेपर 1 की परीक्षा सुबह 9:30 बजे से दोपहर 12 बजे तक एवं पेपर 2 की परीक्षा दोपहर 02.00 बजे से 04:30 बजे ली जाती है।
- सी.बी.एस.ई. के निर्देशानुसार जो अभ्यर्थी परीक्षा में न्यूनतम 60 प्रतिशत अंक प्राप्त कर लेते हैं उन्हें योग्य माना जाता है।
- अभ्यर्थी ध्यान रखें कि सी.टी.ई.टी. परीक्षा में परिक्षार्थियों को आरक्षण का लाभ प्रदान नहीं किया जाता। सभी परिक्षार्थियों को उत्तीर्ण होने के लिए न्यूनतम अंक प्राप्त करना होता है। इसके बाद भर्ती परीक्षा के तहत भिन्न-भिन्न राज्यों या भर्ती संस्थानों द्वारा परिक्षार्थियों को आरक्षण की सुविधा प्रदान की जाती है।
- सी.टी.ई.टी. मूलतः एक योग्यता परीक्षा है जो अभ्यर्थियों को सिर्फ योग्यता का प्रामाण पत्र देती है। इस परीक्षा को उत्तीर्ण करने के बाद अभ्यर्थी नियुक्ति के लिए दावेदारी पेश नहीं कर सकते।
- सी.टी.ई.टी. प्रमाण पत्र केंद्र सरकार (के.वी.एस., एन.वी.एस., सेंट्रल तिब्बती विद्यालयों आदि) के स्कूलों, चंडीगढ़, दादरा एवं नगर हवेली, दमन और दीव, अंडमान निकोबार द्वीप समूह सहित दिल्ली के स्कूलों के लिए मान्य होते हैं।
- यदि कोई राज्य सरकार शिक्षक भर्ती परीक्षा के लिए सी.टी.ई.टी. पास अभ्यर्थियों से आवेदन मांगती है तो उम्मीदवार निजी स्कूलों में भी आवेदन कर सकते हैं।
- सी.टी.ई.टी. प्रमाण पत्रों की वैधता सात वर्षों की होती है।